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tanhaiyaan
सोमवार, 9 जून 2008
तन्हाई बेहतर है किसी भीड़ मे खो जाने से...
तन्हाई बेहतर है किसी भीड़ मे खो जाने से...
कम से कम अपनी धड़कने तो सुनाई देती रहती हैं .....
2 टिप्पणियां:
Amit K Sagar
ने कहा…
अच्छा प्रयास है. लगे रहो. लिखते रहो. शुभकामनाएं.
---
उल्टा तीर
14 जून 2008 को 9:51 am बजे
आशीष कुमार 'अंशु'
ने कहा…
वाह्-वाह
23 जून 2008 को 4:31 am बजे
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2 टिप्पणियां:
अच्छा प्रयास है. लगे रहो. लिखते रहो. शुभकामनाएं.
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