सोमवार, 9 जून 2008

तन्हाई बेहतर है किसी भीड़ मे खो जाने से...

तन्हाई बेहतर है किसी भीड़ मे खो जाने से...
कम से कम अपनी धड़कने तो सुनाई देती रहती हैं .....

2 टिप्‍पणियां:

Amit K Sagar ने कहा…

अच्छा प्रयास है. लगे रहो. लिखते रहो. शुभकामनाएं.
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उल्टा तीर

आशीष कुमार 'अंशु' ने कहा…

वाह्-वाह