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tanhaiyaan
सोमवार, 9 जून 2008
तन्हाई बेहतर है किसी भीड़ मे खो जाने से...
तन्हाई बेहतर है किसी भीड़ मे खो जाने से...
कम से कम अपनी धड़कने तो सुनाई देती रहती हैं .....
अब इस ब्लॉग पर इतनी तन्हाई ठीक नही यार इस पर कुछ तो लिखो।
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